हिन्दी की कविताएँ,दोहे,चोपाई,सोरठा,मुक्तक Hindi poems couplets chopai soratha muktak
शुरुआत से अंत तक जरूर पढ़े। Hindi poems couplets chopai soratha muktak
यहाँ कुछ प्रसिद्ध हिंदी कविताओं के नाम और उनके कवियों का उल्लेख किया गया है-
1.”मधुशाला”- हरिवंश राय बच्चन
यह कविता जीवन के विभिन्न पहलुओं, प्रेम और नशे की स्थिति का गहन प्रतीक है।
2.”अंधेरी रात”- नागार्जुन
यह कविता सामाजिक यथार्थ और मनोभावों को उजागर करती है।
3.”चाँद से मुंह न मोड़ो”- सुभाषित
यह कविता प्रेम की गहराई और संवेदनाओं को व्यक्त करती है।
4.”काले बादल”- सुमित्रानंदन पंत
प्रकृति की सुंदरता और बदलाव के भावों का चित्रण करती है।
5.”वह तोड़ती है”- कुंवर महेंद्र सिंह बेदी ‘सहर’
यह कविता प्रेम और प्रकृति के बीच के संबंधों को दर्शाती है।
6.”गुल्ली-डंडा”- बच्चन
यह कविता बचपन की मासूमियत और खेल के आनंद को जीवंत करती है।
7.”दुख”- रामधारी सिंह ‘दिनकर’
यह कविता मानव अस्तित्व और उसके संघर्षों पर विचार करती है।
8.”पथ की पहचान”- अशोक वाजपेयी
यह कविता जीवन के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है।
9.”असमान”- मुक्तिबोध
इस कविता में अस्तित्ववाद और मानवता की खोज की गहराई है।
10.”विज्ञान की महत्ता”- भगवतीचरण वर्मा
यह कविता विज्ञान और उसकी उपयोगिता पर प्रकाश डालती है।
इन कविताओं में विभिन्न भावनाएँ, विचार और सामाजिक मुद्दे शामिल हैं, जो हिंदी साहित्य की विविधता को दर्शाते हैं।
यहाँ कुछ प्रसिद्ध हिंदी दोहे प्रस्तुत किए गए हैं
1.बिड़ला, बिड़ला, जो बीते, सो बीते।
हरि भजन न हो, तो जीवन अधूरे।
2.संतोषी मन, संतोषी मन।
सुख सागर है, दुःख ना अन।
3.धीरे-धीरे रे मना, धीरे-धीरे सब कुछ हो।
माली सींचे सौ बार, फूलती क्यारी झूठ हो।
4.एकता में बल है, ये कहे संत कबीर।
मिल जुलकर रहो सब, सुख में बसा सभी वीर।
5.निन्दक नियरे राखिए, आँगन कुटी छवाए।
बिन पानी सब सून है, निन्दक से न घबराए।
6.जो बोया सो काटा, यह नीति सदा सच्ची।
जो जैसा करेगा, वह वैसा ही भोगे।
7.सिर पर छाया न छाया, तेरी यह जीवन यात्रा।
संतोषी रहे जीवन में, यही है सच्ची माया।
इन दोहों में जीवन की महत्वपूर्ण सीखें और विचार प्रस्तुत किए गए हैं, जो आज भी प्रासंगिक हैं। Hindi poems couplets chopai soratha muktak
यहाँ कुछ प्रसिद्ध हिंदी चौपाइयाँ प्रस्तुत की गई हैं-
1.रामचरित मानस से
श्रीराम के चरणों में सदा बसीं शांति।
जेहिं भक्ति करैं, तिन्हें मिले सुख सांत।
2.रामचरित मानस से
राम नाम नीर नीरू, राम नाम जुग जुग जी।
राम नाम की महिमा, हरि नाम सुख सगुनी।
3.सूरदास की चौपाई
कृष्ण कन्हैया की लीलाएँ, हृदय में बसीं।
प्रेम में रंगीनी मयूर, गोकुल में हरि हंसीं।
4.कबीर की चौपाई
जो बोया सो काटे, यह सच्ची बात।
कर्म के अनुसार ही, मिलती सुख की सौगात।
5.माधव भोग की चौपाई
प्रेम की जोत जलाकर, सदा सबको प्यार दे।
संग संग चलकर चलें, यह प्रेम का त्यौहार दे।
इन चौपाइयों में प्रेम, भक्ति, और जीवन के मूल्यों का सुंदर चित्रण किया गया है।
यहाँ कुछ प्रसिद्ध हिंदी सोरठा प्रस्तुत किए गए हैं-
1.कबीरदास का सोरठा
सहजता के संग, सुमिरन कर मन में।
जो मिले सच्चा प्रेम, वही है हरि का धन।
2.सूरदास का सोरठा
बुंदेलों का लश्कर, मुरली की धुन सुन।
नंद के लाल की लीलाएँ, हर मन को भाए सुन।
3.मीराबाई का सोरठा
मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरों से क्या काम।
भक्ति में ही है सच्चा, सारा जग है मेरे राम।
4.धन्यास की सोरठा
संसार के रंग में, रंगीनी बना दो।
प्रेम के गूंज में, हर दिल को सजा दो।
5.कबीरदास का सोरठा
जो खोजे सो पाए, जीवन की सच्चाई।
हर एक मन में बसी, भक्ति की गहराई।
इन सोरठों में भक्ति, प्रेम और जीवन के अनुभवों का सुंदर चित्रण किया गया है।
यहाँ कुछ प्रसिद्ध हिंदी मुक्तक प्रस्तुत किए गए हैं-
1.कबीरदास का मुक्तक
साईं इतना दीजिए, जामे मेरी आंख।
मैं भी भूखा न रहूं, साधु न भूखा जाय।
2.सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ का मुक्तक
सच्चाई के पथ पर, चलते चलो निरंतर।
पर्वतों की ऊँचाई, मत छोड़ो कभी पथ से।
3.प्रेमचंद का मुक्तक
हम तो हैं, हमसे क्या, हमें तो कोई न जान।
जो कोई हमें देखे, वह तो भला है सब जान।
4.मुक्तिबोध का मुक्तक
मिट्टी की गंध में, बसी है मेरी चाह।
इस मिट्टी में रमता, है जीवन का सार।
5.अज्ञेय का मुक्तक
असमान को देखो, आकाश में लहराता।
हर तारे की कहानी, एक अलग बुनियाद है।