1. हिन्दी के क्षेत्रीय और सांस्कृतिक स्वरूप

1. हिन्दी के क्षेत्रीय और सांस्कृतिक स्वरूप

1. हिन्दी के क्षेत्रीय और सांस्कृतिक स्वरूप (i) क्षेत्रीय स्वरूप 1. हिन्दी के क्षेत्रीय और सांस्कृतिक स्वरूप – हिन्दी एक समृद्ध भाषा है जो भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग स्वरूपों में प्रयोग होती है। इसकी क्षेत्रीय विविधताएँ इसे और अधिक व्यापक बनाती हैं। – खड़ी बोली- मानक हिन्दी का आधार है और उत्तर भारत … Read more

1. हिन्दी में कविता और कहानी लेखन

1. हिन्दी में कविता और कहानी लेखन

1. हिन्दी में कविता और कहानी लेखन (i) कविता लेखन – कविता लेखन में भाव, कल्पना, और शैली का विशेष महत्व है। – कविता के प्रकार- – मुक्त छंद- बंधनमुक्त और सहज शैली में भावों की अभिव्यक्ति। – उदाहरण- प्राकृतिक सौंदर्य पर कविता। – छंदबद्ध कविता- इसमें छंद, अलंकार, और तुकबंदी का प्रयोग होता है। … Read more

अमृतसर आ गया है पाठ के लेखक ने मानवता के किस रूप को प्रस्तुत किया है

अमृतसर आ गया है पाठ के लेखक ने मानवता के किस रूप को प्रस्तुत किया है

अमृतसर आ गया है पाठ के लेखक ने मानवता के किस रूप को प्रस्तुत किया है “अमृतसर आ गया है” पाठ के लेखक भीष्म साहनी ने मानवता के एक मार्मिक और यथार्थ रूप को प्रस्तुत किया है। यह कहानी भारत के विभाजन के समय की त्रासदी को उजागर करती है, जब मानवता धार्मिक और सांप्रदायिक … Read more

सावित्री और सत्यवान- प्रेम और त्याग की अमर गाथा

सावित्री और सत्यवान- प्रेम और त्याग की अमर गाथा

सावित्री और सत्यवान- प्रेम और त्याग की अमर गाथा सावित्री और सत्यवान की कथा भारतीय पौराणिक कथाओं में पत्नी के प्रेम, त्याग, और निष्ठा का अद्भुत उदाहरण है। यह कहानी महाभारत के वनपर्व में वर्णित है और इसे आदर्श विवाहिता की कथा के रूप में सम्मानित किया जाता है। — कथा का विस्तार  – सावित्री … Read more

1. हिन्दी साहित्य के काल विभाजन

1. हिन्दी साहित्य के काल विभाजन

1. हिन्दी साहित्य के काल विभाजन हिन्दी साहित्य को चार प्रमुख कालों में विभाजित किया गया है- (i) आदिकाल (वीरगाथा काल) (10वीं – 14वीं शताब्दी) – यह काल वीर रस और धर्म प्रचार का काल है। – साहित्य में प्रमुख रूप से राजाओं के शौर्य और युद्ध का वर्णन मिलता है। – मुख्य रचनाएँ- पृथ्वीराज … Read more

1. हिन्दी वर्णमाला और उसके स्वर-व्यंजन

1. हिन्दी वर्णमाला और उसके स्वर-व्यंजन

1. हिन्दी वर्णमाला और उसके स्वर-व्यंजन हिन्दी वर्णमाला देवनागरी लिपि में लिखी जाती है। इसमें 13 स्वर, 33 व्यंजन और 4 अन्य वर्ण (अयोगवाह और अनुस्वार) शामिल होते हैं। स्वर- स्वरों का उच्चारण स्वतंत्र रूप से किया जा सकता है। – मूल स्वर- अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ – … Read more

बालगोबिन भगत पाठ में भगतजी के व्यक्तित्व के कौन-कौन से गुण उभरकर आते हैं

बालगोबिन भगत पाठ में भगतजी के व्यक्तित्व के कौन-कौन से गुण उभरकर आते हैं

बालगोबिन भगत पाठ में भगतजी के व्यक्तित्व के कौन-कौन से गुण उभरकर आते हैं “बालगोबिन भगत” पाठ के लेखक रामवृक्ष बेनीपुरी ने बालगोबिन भगत के सरल, आध्यात्मिक और कर्तव्यनिष्ठ व्यक्तित्व को मार्मिक और प्रेरणादायक तरीके से प्रस्तुत किया है। भगतजी का जीवन उनके आदर्शों, मानवीय मूल्यों और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। उनके व्यक्तित्व के विभिन्न … Read more

सिंह और चूहा

सिंह और चूहा

सिंह और चूहा लेखक- विष्णु वर्मा यह कहानी हमें सिखाती है कि कोई भी छोटा या कमजोर नहीं होता, और कभी-कभी छोटे प्राणी भी बड़ी मदद कर सकते हैं। — कहानी का सारांश – सिंह और चूहा एक जंगल में एक बलवान सिंह रहता था। एक दिन वह भोजन करने के बाद एक बड़े पेड़ … Read more

बीरबल की खिचड़ी

बीरबल की खिचड़ी

बीरबल की खिचड़ी यह कहानी अकबर और बीरबल की प्रसिद्ध किस्सागोई का हिस्सा है। इसमें बीरबल ने अकबर को धैर्य और ठंड में कठिन परिश्रम करने का पाठ सिखाया। — कहानी का सारांश एक सर्दियों की रात थी। दिल्ली में कड़ाके की ठंड पड़ रही थी। अकबर और उनके दरबारी महल में आग तापते हुए … Read more

झाँसी की रानी रानी लक्ष्मीबाई का अदम्य साहस और बलिदान

झाँसी की रानी रानी लक्ष्मीबाई का अदम्य साहस और बलिदान

झाँसी की रानी रानी लक्ष्मीबाई का अदम्य साहस और बलिदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की प्रेरणादायक गाथा है। सुभद्रा कुमारी चौहान ने अपनी अमर कविता “झाँसी की रानी” में रानी लक्ष्मीबाई के अद्वितीय पराक्रम और त्याग का मार्मिक वर्णन किया है। यहाँ रानी लक्ष्मीबाई की वीरता और कविता का विस्तार से वर्णन प्रस्तुत है। — रानी … Read more