सतर्कता की शक्ति कौवा और लोमड़ी की कहानी The Power of Vigilance Story of Crow and Fox
शुरुआत से अंत तक जरूर पढ़े। The Power of Vigilance Story of Crow and Fox
“कौवा और लोमड़ी” एक प्रसिद्ध कहानी है जो बच्चों को नैतिक शिक्षा देने के उद्देश्य से लिखी गई है। यह कहानी हमें यह सिखाती है कि हमें चतुराई और विवेक से काम लेना चाहिए और झूठी प्रशंसा के जाल में नहीं फँसना चाहिए।
कहानी का सारांश
लेखक- विष्णु वर्मा
एक बार की बात है, एक कौवा भोजन की तलाश में इधर-उधर उड़ रहा था। काफी देर तक उड़ने के बाद उसे एक रोटी का टुकड़ा मिला। वह रोटी लेकर एक पेड़ की शाखा पर बैठ गया और उसे खाने की तैयारी करने लगा।
उसी समय, एक चालाक लोमड़ी वहाँ से गुजरी। उसने देखा कि कौवे के पास रोटी है। लोमड़ी ने सोचा, “यह रोटी मुझे मिल जाए तो मजा आ जाए।” उसने कौवे से रोटी छीनने के लिए एक चाल चली।
लोमड़ी ने कौवे से कहा, “कौवे महाराज! आपकी आवाज बहुत मीठी है। मैंने सुना है कि आप बहुत अच्छा गाते हैं। क्या आप मुझे एक गीत सुनाएंगे?”
कौवा लोमड़ी की प्रशंसा सुनकर बहुत खुश हो गया। वह सोचने लगा कि उसकी आवाज सच में मीठी है। लोमड़ी की बातों में आकर कौवे ने गाना गाने के लिए जैसे ही अपनी चोंच खोली, रोटी नीचे गिर पड़ी। लोमड़ी ने तुरंत रोटी उठा ली और हँसते हुए बोली, “धन्यवाद, कौवे! तुम्हारी मूर्खता के कारण मुझे यह स्वादिष्ट रोटी मिल गई।”
लोमड़ी रोटी लेकर वहाँ से चली गई, और कौवा अपनी मूर्खता पर पछताने लगा।
कहानी से सीख
1. झूठी प्रशंसा पर भरोसा नहीं करना चाहिए।
2. किसी के मीठे शब्दों में फँसकर विवेक नहीं खोना चाहिए।
3. हमेशा सतर्क और बुद्धिमान बने रहना चाहिए।
कहानी से जुड़े प्रश्न और उत्तर
1. कौवे ने रोटी कहाँ से पाई थी?
कौवे ने रोटी का टुकड़ा जमीन से उठाया था।
2. लोमड़ी ने कौवे को कैसे बेवकूफ बनाया?
लोमड़ी ने कौवे की झूठी प्रशंसा की और उसे गाने के लिए प्रेरित किया। जैसे ही कौवे ने गाना गाने के लिए चोंच खोली, रोटी नीचे गिर गई।
3. इस कहानी का नैतिक संदेश क्या है?
इस कहानी का नैतिक संदेश है कि हमें झूठी प्रशंसा के जाल में नहीं फँसना चाहिए और हमेशा सतर्क रहना चाहिए।
4. कौवे ने अपनी मूर्खता पर क्या प्रतिक्रिया दी?
कौवा अपनी मूर्खता पर पछताया और समझा कि उसे लोमड़ी की चाल में नहीं फँसना चाहिए था।
5. लोमड़ी को कहानी में कैसे दर्शाया गया है?
लोमड़ी को चालाक और धोखेबाज के रूप में दिखाया गया है, जो कौवे की मूर्खता का लाभ उठाती है।
कौवे की मूर्खता और लोमड़ी की चालाकी से हमें कई महत्वपूर्ण बातें सीखने को मिलती हैं-
1. चापलूसी से बचें
- लोमड़ी ने मीठी बातों से कौवे को धोखा दिया और रोटी हासिल कर ली। यह सिखाता है कि हमें चापलूस लोगों से सावधान रहना चाहिए।
2. सोच-समझकर कार्य करें
- कौवे ने बिना सोचे-समझे गाना शुरू कर दिया, जिससे उसकी रोटी गिर गई। यह सिखाता है कि हर कदम उठाने से पहले विवेकपूर्ण तरीके से सोचना जरूरी है।
3. अहंकार से नुकसान होता है
- अपनी मीठी आवाज का घमंड करने के चक्कर में कौवे ने अपनी गलती की। यह सिखाता है कि अहंकार हमारे लिए हानिकारक हो सकता है।
4. चालाकी से समस्याओं को हल करें
- लोमड़ी ने चालाकी से अपनी जरूरत पूरी की। यह दिखाता है कि कभी-कभी बुद्धिमानी और चतुराई से समस्या का समाधान निकाला जा सकता है।
5. लालच में न पड़ें
- कौवे ने लोमड़ी की बातों में आकर लालच किया और अपनी रोटी गंवा दी। यह सिखाता है कि लालच हमेशा नुकसानदायक होता है।
यह कहानी हमें सिखाती है कि बुद्धिमानी, सतर्कता और विनम्रता जीवन में कितनी महत्वपूर्ण हैं।
निष्कर्ष
“कौवा और लोमड़ी” एक बहुत ही महत्वपूर्ण और शिक्षाप्रद कहानी है जो बच्चों को यह सिखाती है कि हमें हमेशा चतुराई, विवेक और सतर्कता से काम लेना चाहिए। लोमड़ी की झूठी प्रशंसा और कौवे की मूर्खता से यह स्पष्ट होता है कि हमें किसी के मीठे शब्दों में आकर अपनी सूझ-बूझ नहीं खोनी चाहिए। जीवन में हमें अपने निर्णयों को विवेकपूर्ण तरीके से लेना चाहिए और किसी भी बाहरी दबाव या आकर्षण से प्रभावित नहीं होना चाहिए। यह कहानी हमें यह भी बताती है कि हमेशा अपनी कमजोरी से सावधान रहना चाहिए और अपने बुद्धिमत्ता का सही उपयोग करना चाहिए।
कहानी का संदेश- झूठी प्रशंसा और छल-कपट से बचना चाहिए, सतर्क रहना चाहिए और अपनी बुद्धि का सही तरीके से प्रयोग करना चाहिए।