बड़े भाई साहब का स्वभाव Nature of elder brother
शुरुआत से अंत तक जरूर पढ़े। Nature of elder brother
बड़े भाई साहब का स्वभाव कैसा था? विस्तार पूर्वक लिखिए।
“बड़े भाई साहब” का स्वभाव
“बड़े भाई साहब” उपन्यास लेखक प्रेमचंद द्वारा रचित है, और इसमें बड़े भाई साहब (जो मुख्य पात्र हैं) का स्वभाव बहुत ही सशक्त और जटिल रूप में चित्रित किया गया है। वह एक ऐसे व्यक्ति हैं, जिनमें परिपक्वता, जिम्मेदारी, और कर्तव्यपरायणता की भावना प्रगाढ़ रूप से दिखाई देती है। उनके स्वभाव के कई पहलू हैं, जिनसे यह स्पष्ट होता है कि वे एक आदर्श, गंभीर और कार्यकुशल व्यक्ति हैं, लेकिन साथ ही उनकी सख्ती और कठोरता भी उन्हें अन्य पात्रों से अलग करती है।
1.जिम्मेदार और कर्तव्यनिष्ठ
बड़े भाई साहब का स्वभाव सबसे पहले कर्तव्यनिष्ठता से जुड़ा हुआ है। वह परिवार के सबसे बड़े सदस्य होते हुए अपने छोटे भाई-बहनों की परवरिश, मार्गदर्शन और जीवन की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वह हमेशा परिवार की भलाई के लिए काम करते हैं और अपने कार्यों के प्रति पूरी तरह से जिम्मेदार रहते हैं। उनका यह स्वभाव उनके निर्णयों में भी दिखता है, क्योंकि वह परिवार की आर्थिक स्थिति, सामाजिक कद और रिश्तों को बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं।
2.सख्त और अनुशासनप्रिय
बड़े भाई साहब के स्वभाव में सख्ती और अनुशासन की भावना भी प्रबल है। वह अपने छोटे भाई-बहनों से हमेशा अपेक्षा करते हैं कि वे अपने कार्यों को जिम्मेदारी से करें और अपने कर्तव्यों को ठीक से निभाएं। घर में अनुशासन बनाए रखना उनके लिए सर्वोपरि होता है, और कभी-कभी यह कठोरता उनके और परिवार के अन्य सदस्यों के बीच टकराव का कारण भी बनती है। उनका यह स्वभाव कभी-कभी स्वार्थी और हठी भी प्रतीत होता है, क्योंकि वह अपनी बातों पर अडिग रहते हैं और किसी के राय-मशवरे को कम महत्व देते हैं।
3.कठोर लेकिन दिल से अच्छा
बड़े भाई साहब के स्वभाव में एक विशेष विशेषता यह भी है कि वह स्वभाव से कठोर होते हुए भी दिल से अच्छे और निःस्वार्थ होते हैं। वह किसी को नुकसान नहीं पहुँचाना चाहते, बल्कि उनकी सख्ती इस कारण होती है कि वह अपने परिवार और समाज के कल्याण के लिए हर संभव प्रयास करते हैं। उनका व्यक्तित्व इस प्रकार का है कि बाहर से कठोर दिखाई देने के बावजूद, उनके अंदर गहरी दया, सहानुभूति और परिवार के प्रति प्यार होता है।
4.आदर्शवादी और कर्तव्यपरायण
बड़े भाई साहब का आदर्शवादी स्वभाव भी बहुत प्रमुख है। वे समाज और परिवार के प्रति अपने कर्तव्यों को लेकर बहुत गंभीर रहते हैं। उनका विश्वास है कि हर व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारियों को निभाना चाहिए, चाहे वह व्यक्तिगत जीवन हो या सामाजिक। उनका आदर्श इस प्रकार का था कि वह हमेशा सही कार्य करने का प्रयास करते थे, भले ही इसके लिए उन्हें व्यक्तिगत सुख-सुविधाओं की बलि देनी पड़े।
5.परिवार के प्रति प्रेम और लगाव
हालाँकि बड़े भाई साहब का स्वभाव कठोर था, लेकिन परिवार के प्रति उनका प्रेम अत्यधिक था। वह अपने छोटे भाई-बहनों को अच्छे मार्गदर्शन और शिक्षा देने के लिए हमेशा तत्पर रहते थे। वह यह चाहते थे कि उनके परिवार के सदस्य सामाजिक दृष्टि से सम्मानित और सफल बने। उनका यह प्रेम कभी-कभी उनके स्वभाव की सख्ती से ओझल हो जाता था, लेकिन उनकी नज़र में परिवार का भला करना और उसका सम्मान बनाए रखना सबसे महत्वपूर्ण था।
निष्कर्ष
बड़े भाई साहब का स्वभाव एक मिश्रित रूप था जिसमें जिम्मेदारी, सख्ती, आदर्शवादिता, और परिवार के प्रति गहरी चिंता शामिल थी। वह समाज और परिवार के प्रति अपने कर्तव्यों के प्रति पूरी तरह से समर्पित थे, और कभी-कभी अपनी सख्ती के कारण कठोर भी लगते थे, लेकिन अंततः उनका उद्देश्य हमेशा दूसरों का भला करना ही होता था। उनके व्यक्तित्व में इन पहलुओं का सम्मिलन उन्हें एक ऐसे आदर्श व्यक्ति के रूप में प्रस्तुत करता है, जो अपने परिवार और समाज की भलाई के लिए हर संभव प्रयास करता है। Nature of elder brother
“बड़े भाई साहब” का स्वभाव: इसमें लेखक क्या बताना चाहता है?
“बड़े भाई साहब” का स्वभाव: लेखक का उद्देश्य
लेखक प्रेमचंद ने “बड़े भाई साहब”* के पात्र के माध्यम से एक परिपक्व, जिम्मेदार, और कर्तव्यनिष्ठ व्यक्ति का चित्रण किया है। उनके स्वभाव के माध्यम से लेखक हमें यह संदेश देना चाहते हैं कि आदर्श व्यक्ति वह नहीं होता जो केवल कोमल और उदार हो, बल्कि वह व्यक्ति जो अपने कर्तव्यों को पूरी गंभीरता से निभाए, समाज और परिवार की भलाई के लिए सख्त फैसले भी ले सके, और दूसरों के भले के लिए अपनी व्यक्तिगत इच्छाओं का बलिदान करने के लिए तैयार हो।
1.कर्तव्य और जिम्मेदारी की भावना
लेखक बड़े भाई साहब के स्वभाव के माध्यम से यह दिखाना चाहते हैं कि जिम्मेदारी और कर्तव्यनिष्ठता आदर्श व्यक्ति की पहचान होती है। बड़े भाई साहब हमेशा अपने परिवार और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को प्राथमिकता देते हैं। उनका जीवन एक आदर्श जीवन है, जिसमें वे हमेशा दूसरों की भलाई के लिए कठिन फैसले लेते हैं, भले ही वह व्यक्तिगत रूप से कठिन हो। इससे प्रेमचंद यह समझाना चाहते हैं कि जीवन में कर्तव्य का निर्वाह सर्वोपरि होना चाहिए।
2.सख्ती और अनुशासन
लेखक यह भी दिखाना चाहते हैं कि जीवन में अनुशासन और सख्ती की आवश्यकता होती है, विशेषकर जब हम दूसरों की भलाई के बारे में सोचते हैं। बड़े भाई साहब के स्वभाव में कठोरता है, लेकिन यह कठोरता समाज और परिवार के भले के लिए है। प्रेमचंद यह संदेश देना चाहते हैं कि यदि सख्ती किसी उद्देश्य की प्राप्ति के लिए हो और यदि वह परिवार और समाज के कल्याण में सहायक हो, तो वह उचित है। उनका यह स्वभाव यह दर्शाता है कि सच्ची जिम्मेदारी अपने कर्तव्यों का पालन करना है, भले ही इसके लिए कठिन निर्णय लेने पड़ें।
3.मानवता और आत्मबलिदान
बड़े भाई साहब के स्वभाव में यह भी दिखाया गया है कि वे अपनी व्यक्तिगत इच्छाओं और सुखों की परवाह किए बिना परिवार और समाज के लिए बलिदान देने के लिए तैयार रहते हैं। लेखक यह बताना चाहते हैं कि मानवीय संवेदनाएँ, प्रेम और सहानुभूति जीवन में महत्वपूर्ण हैं, लेकिन यह भी आवश्यक है कि हम किसी उच्च उद्देश्य के लिए अपने व्यक्तिगत सुख को छोड़ सकें। बड़े भाई साहब का जीवन यह सिखाता है कि सामाजिक और पारिवारिक कल्याण के लिए अपने स्वार्थ को नियंत्रित करना चाहिए।
4.आदर्शता और प्रेरणा
लेखक बड़े भाई साहब को आदर्श व्यक्ति के रूप में प्रस्तुत करके यह संदेश देना चाहते हैं कि समाज को ऐसे आदर्श व्यक्तियों की आवश्यकता है, जो न केवल अपने अधिकारों की रक्षा करें, बल्कि अपने कर्तव्यों को भी सर्वोच्च प्राथमिकता दें। उनके स्वभाव में एक नैतिक उच्चता और समाज की सेवा की भावना है, जो उनके हर कदम में दिखती है। प्रेमचंद इस आदर्शता के माध्यम से यह सिखाना चाहते हैं कि सही मार्ग पर चलने के लिए केवल स्वार्थ या व्यक्तिगत लाभ का ध्यान नहीं रखना चाहिए, बल्कि दूसरों की भलाई भी महत्वपूर्ण होनी चाहिए।
निष्कर्ष
प्रेमचंद ने “बड़े भाई साहब” के माध्यम से यह संदेश दिया है कि एक आदर्श व्यक्ति का स्वभाव केवल दयालु और उदार नहीं होता, बल्कि उसमें कर्तव्य, जिम्मेदारी, सख्ती, और समाज के प्रति समर्पण की भावना भी होती है। लेखक बड़े भाई साहब के माध्यम से यह दर्शाना चाहते हैं कि जीवन में सही निर्णय लेने के लिए हमें अपने व्यक्तिगत स्वार्थों को पीछे छोड़कर समाज और परिवार के भले के बारे में सोचना चाहिए। बड़े भाई साहब का स्वभाव एक ऐसा आदर्श प्रस्तुत करता है, जो जीवन के विभिन्न पहलुओं में संतुलन बनाए रखने की प्रेरणा देता है। Nature of elder brother