1. कक्षा 6 से 12 तक के पाठ्यक्रम के अनुसार प्रश्न
कक्षा 6 से 8 (माध्यमिक स्तर) – 1. कक्षा 6 से 12 तक के पाठ्यक्रम के अनुसार प्रश्न
– भाषा और व्याकरण
– हिन्दी वर्णमाला, शब्द भंडार, पर्यायवाची, विलोम शब्द।
– संधि, समास, वाक्य के प्रकार, काल और कारक।
– मुहावरे और लोकोक्तियाँ।
– साहित्य
– सरल कविताएँ और कहानियाँ।
– शिक्षाप्रद पाठ जैसे पंचतंत्र और जीवन मूल्य आधारित कहानियाँ।
– कवि और लेखकों का परिचय।
– प्रश्न उदाहरण-
– “तत्सम और तद्भव शब्दों में अंतर स्पष्ट कीजिए।”
– “कबीर के दोहे लिखें और उनका भावार्थ बताइए।”
कक्षा 9 और 10 (हाई स्कूल स्तर)
– भाषा और व्याकरण
– त्रुटि सुधार, वाक्य परिवर्तन (SIMPLE, COMPOUND, COMPLEX)।
– वाक्यांशों के लिए एक शब्द, रचना के प्रकार।
– साहित्य
– कविताएँ- आधुनिक और प्राचीन कवियों के काव्य।
– कहानियाँ- प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद जैसे लेखकों की रचनाएँ।
– निबंध और नाटक।
– प्रश्न उदाहरण-
– “रामचरितमानस में तुलसीदास द्वारा व्यक्त आदर्श चरित्र का वर्णन करें।”
– “‘गिल्लू’ कहानी में मानवीय संवेदना का वर्णन करें।”
कक्षा 11 और 12 (उच्च माध्यमिक स्तर)
– भाषा और व्याकरण
– वर्ण विचार, रस, छंद, अलंकार।
– तत्सम-तद्भव, उपसर्ग-प्रत्यय, वाक्य रचना।
– साहित्य
– गद्य और पद्य का गहन अध्ययन।
– कवि परिचय- कबीर, सूरदास, महादेवी वर्मा, प्रेमचंद।
– आलोचनात्मक लेखन।
– प्रश्न उदाहरण-
– “गोदान उपन्यास में भारतीय समाज का चित्रण प्रस्तुत कीजिए।”
– “जयशंकर प्रसाद की कविताओं में छायावादी प्रवृत्तियों का वर्णन करें।”
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2. कविताएँ, कहानियाँ, और पाठ विश्लेषण
कविताएँ
– छायावादी कवि- जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत, महादेवी वर्मा।
– उदाहरण- “हरिवंश राय बच्चन की ‘मधुशाला’ का भावार्थ।”
– भक्ति काव्य- कबीर, तुलसीदास।
– उदाहरण- “कबीर के दोहे में सादगी और गहराई का विश्लेषण।”
कहानियाँ
– प्रेमचंद की कहानियाँ- “पूस की रात,” “ईदगाह।”
– उदाहरण- “ईदगाह कहानी में बालक हामिद का चरित्र चित्रण।”
– अन्य लेखक- रवींद्रनाथ ठाकुर, विष्णु प्रभाकर।
– उदाहरण- “साहित्यिक रचनाओं में सामाजिक समस्याओं का चित्रण।”
पाठ विश्लेषण
– पाठ में प्रयुक्त अलंकार, रस और प्रतीकात्मकता की पहचान।
– सामाजिक और नैतिक संदेशों पर चर्चा।
– उदाहरण- “‘रानी लक्ष्मीबाई’ कविता में वीर रस की व्याख्या।”
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3. व्याकरण और रचनात्मक लेखन
(i) व्याकरण
– शब्द विचार-
– तत्सम-तद्भव, पर्यायवाची, विलोम।
– वाक्य विचार-
– वाक्य रचना, वाक्य भेद।
– त्रुटि सुधार और वाक्य परिवर्तन।
– विशेष उदाहरण-
– “प्रत्ययों के प्रकार पर उदाहरण सहित चर्चा कीजिए।”
– “पद परिचय और वाक्य शुद्धि पर प्रश्न।”
(ii) रचनात्मक लेखन
1. निबंध लेखन
– सामाजिक, पर्यावरणीय, और तकनीकी विषय।
– उदाहरण-
– “प्लास्टिक प्रदूषण के प्रभाव।”
– “डिजिटल युग में हिन्दी भाषा।”
2. पत्र लेखन
– औपचारिक और अनौपचारिक पत्र।
– उदाहरण-
– “अपने मित्र को दीपावली की शुभकामनाएँ देते हुए पत्र लिखें।”
– “प्रधानाचार्य को विद्यालय में पुस्तकालय सुविधाएँ बढ़ाने के लिए पत्र।”
3. संवाद लेखन
– संवादों में भाव और सटीकता।
– उदाहरण-
– “शिक्षक और छात्र के बीच परीक्षा की तैयारी पर संवाद।”
4. विज्ञापन लेखन
– छोटे विज्ञापन और पोस्टर।
– उदाहरण-
– “पुस्तकों की दुकान के उद्घाटन के लिए विज्ञापन।”
5. भाषण और लेख
– प्रेरणादायक और विषय आधारित लेखन।
– उदाहरण-
– “स्वतंत्रता संग्राम में हिन्दी का योगदान।”
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निष्कर्ष
कक्षा 6 से 12 तक का हिन्दी पाठ्यक्रम विद्यार्थियों को साहित्य, व्याकरण, और रचनात्मक लेखन का संतुलित ज्ञान प्रदान करता है। इसमें कविताओं और कहानियों के भावपूर्ण विश्लेषण के साथ-साथ व्यावहारिक लेखन कौशल पर भी ध्यान दिया जाता है। इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य हिन्दी भाषा के प्रति प्रेम और साहित्यिक अभिव्यक्ति को प्रोत्साहित करना है।
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