बीरबल की खिचड़ी
यह कहानी अकबर और बीरबल की प्रसिद्ध किस्सागोई का हिस्सा है। इसमें बीरबल ने अकबर को धैर्य और ठंड में कठिन परिश्रम करने का पाठ सिखाया।
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कहानी का सारांश
एक सर्दियों की रात थी। दिल्ली में कड़ाके की ठंड पड़ रही थी। अकबर और उनके दरबारी महल में आग तापते हुए आपस में बातें कर रहे थे। अचानक अकबर ने कहा, “क्या कोई आदमी इतनी ठंड में पानी में खड़ा रह सकता है?”
सभी दरबारी बोले, “यह असंभव है। इतनी ठंड में कोई पानी में खड़ा नहीं रह सकता।” लेकिन बीरबल ने कहा, “जहाँपनाह, यह संभव है। यदि आदमी की इच्छाशक्ति मजबूत हो, तो वह कुछ भी कर सकता है।”
अकबर ने बीरबल की बात को चुनौती दी और कहा, “ठीक है, अगर तुम ऐसा कोई व्यक्ति ढूंढ सकते हो, तो उसे लेकर आओ। यदि वह पूरी रात पानी में खड़ा रहेगा, तो उसे इनाम मिलेगा।”
अगले दिन, बीरबल ने एक गरीब आदमी को ढूंढ निकाला, जो अपने परिवार के लिए भोजन की तलाश में था। बीरबल ने उसे अकबर की चुनौती के बारे में बताया। इनाम पाने के लालच में वह व्यक्ति ठंड में नदी के पानी में खड़े होने के लिए तैयार हो गया।
उस रात, गरीब आदमी नदी के ठंडे पानी में खड़ा हो गया। अकबर और उनके दरबारी दूर से यह नज़ारा देख रहे थे। उस व्यक्ति ने रातभर पानी में खड़े रहकर चुनौती पूरी की।
सुबह होने पर अकबर ने उससे पूछा, “तुमने इतनी ठंड में यह कैसे सहन किया?”
उस व्यक्ति ने कहा, “जहाँपनाह, नदी के किनारे एक दूर जलती हुई दीया की लौ दिख रही थी। उसे देखकर मुझे हिम्मत और सहारा मिला।”
अकबर ने यह सुनकर कहा, “तुमने धोखा दिया है। उस दीया की गर्मी ने तुम्हारी मदद की। इसलिए तुम इनाम के हकदार नहीं हो।”
यह सुनकर गरीब आदमी निराश हो गया और बीरबल के पास पहुँचा। बीरबल ने उसकी परेशानी सुनी और अकबर को समझाने की योजना बनाई।
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बीरबल की चतुराई – बीरबल की खिचड़ी
अगले दिन, बीरबल ने अकबर को अपने घर बुलाया और कहा, “जहाँपनाह, मैं आज आपको खिचड़ी खिलाना चाहता हूँ।”
अकबर ने खुशी-खुशी यह स्वीकार कर लिया। बीरबल ने खिचड़ी पकाने की तैयारी की, लेकिन उसने बर्तन को आग से बहुत ऊपर लटका दिया।
अकबर ने यह देखकर पूछा, “बीरबल, खिचड़ी कब पकेगी? आग तो बर्तन से काफी दूर है।”
बीरबल ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “जहाँपनाह, जब दूर जलती दीया की गर्मी से कोई व्यक्ति रातभर ठंडे पानी में खड़ा रह सकता है, तो यह खिचड़ी भी पक जाएगी।”
अकबर को अपनी गलती का एहसास हुआ। उन्होंने उस गरीब आदमी को बुलाया, उसकी सच्चाई और साहस की सराहना की, और उसे इनाम देकर सम्मानित किया।
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कहानी से सीख
1. परिस्थितियों में धैर्य और इच्छाशक्ति से जीत हासिल की जा सकती है।
2. दूसरों की मेहनत और संघर्ष का सम्मान करना चाहिए।
3. न्याय हमेशा निष्पक्ष होना चाहिए।
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कहानी से जुड़े प्रश्न और उत्तर
1. अकबर ने क्या चुनौती दी थी?
अकबर ने चुनौती दी थी कि कोई व्यक्ति कड़ाके की ठंड में नदी के ठंडे पानी में पूरी रात खड़ा रहकर दिखाए।
2. गरीब आदमी ने ठंड में रातभर कैसे बिताई?
गरीब आदमी ने नदी के किनारे जलती हुई दीया की लौ देखकर साहस और सहारा पाया।
3. अकबर ने गरीब आदमी को इनाम क्यों नहीं दिया?
अकबर ने सोचा कि दीया की गर्मी ने गरीब आदमी की मदद की, इसलिए वह इनाम का हकदार नहीं है।
4. बीरबल ने खिचड़ी पकाने के लिए आग और बर्तन को दूर क्यों रखा?
बीरबल ने यह दिखाने के लिए ऐसा किया कि अगर दूर की दीया की गर्मी किसी को सहारा दे सकती है, तो आग से दूर बर्तन में खिचड़ी भी पक सकती है।
5. इस कहानी का नैतिक संदेश क्या है?
इस कहानी का नैतिक संदेश है कि हमें धैर्य और इच्छाशक्ति के महत्व को समझना चाहिए और दूसरों की मेहनत का सम्मान करना चाहिए।
6. अकबर को अपनी गलती का एहसास कब हुआ?
जब बीरबल ने खिचड़ी पकाने का उदाहरण दिया, तब अकबर को अपनी गलती का एहसास हुआ।
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